महिला छात्राओं के लिए प्रगति छात्रवृत्ति योजना: तकनीकी डिप्लोमा सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
महिला छात्राओं के लिए प्रगति छात्रवृत्ति योजना: तकनीकी डिप्लोमा सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
Updated: 9 सितंबर 2025 | प्रगति छात्रवृत्ति योजना का उद्देश्य महिला छात्राओं को तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत उन्हें ज्ञान, कौशल एवं आत्मविश्वास देने की पहल सरकार की ओर से जारी है, जिससे वे आगे बढ़कर सफल भविष्य की दिशा निर्धारित कर सकें।
मौजूदा स्थिति और आंकड़े
2025 में प्रगति छात्रवृत्ति योजना के तहत 10,000 छात्राओं को तकनीकी डिप्लोमा/डिग्री में वार्षिक ₹50,000 की स्कॉलरशिप मिल रही है। यह योजना AICTE द्वारा संचालित है, जिसमें दो बहनों को एक ही परिवार से लाभ मिल सकता है, परिवार की आय ₹8 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। उत्तर-पूर्वी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को विशेष प्राथमिकता भी दी जा रही है। आवेदन 31 अक्टूबर 2025 तक नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल (NSP) पर खुले हैं।
- AICTE-मान्यता प्राप्त कॉलेजों/संस्थानों में प्रथम या द्वितीय वर्ष (लैटरल एंट्री) की छात्राएं पात्र।
- स्कॉलरशिप राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर होती है।
- ₹50,000 प्रति वर्ष—पुस्तक/स्टेशनरी/लैपटॉप/फीस पर खर्च की जा सकती है।
यह क्यों महत्वपूर्ण है?
यह योजना महिलाओं को STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथमेटिक्स) सेक्टर में हिस्सा दिलाने और आत्मनिर्भर बनाने का सशक्त माध्यम है। वित्तीय मदद से वे अपने डिप्लोमा की पढ़ाई जारी रख सकती हैं, समाज में उनकी स्थिति मजबूत होती है। इसके चलते महिला सहभागिता हर साल बढ़ रही है, जिससे भारत का सामाजिक-आर्थिक और तकनीकी भविष्य सशक्त बन रहा है।
विशेषज्ञ विश्लेषण और संभावना
पात्रता
आवेदक को एक छात्रा होना चाहिए.
आवेदक को डिप्लोमा कोर्स के प्रथम वर्ष या लेटरल एंट्री के माध्यम से डिप्लोमा कोर्स के द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत होना चाहिए।।
The परिवार की वार्षिक आय (सभी स्रोतों से) से अधिक नहीं होना चाहिए रु. 8.00 लाख प्रति वर्ष चालू वित्त वर्ष के दौरान।
सभी पात्र लड़कियां (जो ऑनलाइन छात्रवृत्ति फॉर्म जमा करते हैं) निम्नलिखित 13 केंद्र शासित प्रदेशों और उत्तर पूर्वी राज्यों से यानी अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (यूटी), जम्मू और कश्मीर (यूटी), लद्दाख (यूटी), दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव (यूटी), लक्षद्वीप (यूटी), अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड सिक्किम और त्रिपुरा को एआईसीटीई द्वारा छात्रवृत्ति दी जाएगी।
भविष्यवाणी और स्टेकहोल्डर्स की राय
- महिला सशक्तिकरण पर राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय सकारात्मक प्रभाव।
- प्रगति योजना से महिला नेतृत्व और प्रगतिशील समाज की दिशा में तेजी।
- आर्थिक आधार मजबूत होने से नौकरी और करियर में नए अवसर मिलते हैं।
अभी प्रगति छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करें
जोखिम और चेतावनियाँ
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में दस्तावेज की शुद्धता व पारदर्शिता जरूरी—अधूरी या गलत जानकारी पर आवेदन रिजेक्ट हो सकता है।
अक्सर ग्रामीण/दूरस्थ क्षेत्रों में जागरूकता की कमी होती है, जिससे योग्य छात्राएं वंचित रह जाती हैं।
योग्यता व प्रमाणपत्र की समय पर अपलोडिंग, बैंक विवरण आदि का पूरा ध्यान रखें।
भविष्य की राह (सितंबर–दिसंबर 2025)
आगे बढ़ते समय में महिलाओं की तकनीकी शिक्षा की दर और भी बेहतर होगी।
सरकार की योजना है कि अगले पांच वर्षों में तकनीकी डिप्लोमा में महिला हिस्सा 20% से ज्यादा हो।
ऑनलाइन करियर काउंसलिंग, ट्रेनिंग, और स्कॉलरशिप की प्रक्रिया और भी आसान और पारदर्शी होगी।
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निष्कर्ष
छात्राओं के लिए प्रगति छात्रवृत्ति योजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है।
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