परिवहन विभाग की चुप्पी चौंकाने वाली 🚨 सिस्टम फेल!या राजनीतिक दबाव? Amazon वेयरहाउस से रोज़ाना पॅसेंजर ऑटो में अवैध मालवाहतूक 😱
परिवहन विभाग की चुप्पी चौंकाने वाली 🚨 सिस्टम फेल!या राजनीतिक दबाव? Amazon वेयरहाउस से रोज़ाना पॅसेंजर ऑटो में अवैध मालवाहतूक 😱
Updated: 20 September 2025 | TAZA PRIME KHABAR
पुणे शहर का UPN-2, मुंढवा इलाका इन दिनों एक बड़े विवाद का केंद्र बन चुका है। यहां स्थित Amazon वेयरहाउस से रोज़ाना 70 से 80 पॅसेंजर ऑटो रिक्शा को अवैध रूप से मालवाहतूक के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि ये वही ऑटो हैं, जिन्हें केवल यात्रियों को ले जाने की अनुमति है। लेकिन अब इन्हें “मिनी-ट्रक” में बदल दिया गया है।
स्थानीय लोग इसे “सड़क पर चलता बम” बता रहे हैं और सवाल उठा रहे हैं – “अगर कल किसी की जान गई तो जिम्मेदार कौन होगा?”
🚨 ग्राउंड रियलिटी – रोज़ाना का खेल
रोज़ सुबह से रात तक, Amazon वेयरहाउस के आसपास एक अजीब नज़ारा देखने को मिलता है। छोटे-छोटे पॅसेंजर ऑटो, जिनकी क्षमता केवल 3 यात्रियों की है, उनमें 200–300 किलो तक का माल ठूंस-ठूंसकर भरा जाता है।
- 70–80 ऑटो रोज़ाना वेयरहाउस से निकलते हैं
- हर ऑटो में ओवरलोडेड पैकेज
- यात्री ले जाने की बजाय ग्रोसरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े तक ढोए जाते हैं
- ड्राइवरों का कहना है कि यह Amazon ट्रांसपोर्ट नेटवर्क का हिस्सा है
स्थानीय निवासियों के मुताबिक, यह ट्रेंड पिछले कई महीनों से चल रहा है, लेकिन विभाग और पुलिस ने आंखें मूंद रखी हैं।
🔥 नागरिकों का गुस्सा और गवाही
मुंढवा के एक व्यापारी ने बताया – “ये लोग हमारी जान से खेल रहे हैं। सड़कों पर ओवरलोडेड ऑटो तेज़ रफ्तार में दौड़ते हैं, कोई भी हादसा हो सकता है।”
एक अन्य निवासी का कहना है – “पुणे ट्रैफिक वैसे ही खतरनाक है। अब ऑटो को मालवाहन बना दिया गया है। कभी भी बड़ा हादसा होगा और फिर सिस्टम कहेगा ‘जांच करेंगे’।”
स्थानीय युवाओं ने तो यहां तक कहा कि Amazon जैसी बड़ी कंपनी अगर जिम्मेदारी नहीं निभा रही तो यह आम जनता के प्रति सीधी लापरवाही है।
⚠️ विशेषज्ञों की चेतावनी
रोड सेफ्टी विशेषज्ञों का कहना है कि पॅसेंजर ऑटो को माल ढोने के लिए इस्तेमाल करना कानूनन अपराध है और इससे सड़क दुर्घटनाओं का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
- ऑटो रिक्शा का ब्रेकिंग सिस्टम मालवाहन के लिए डिज़ाइन ही नहीं किया गया
- 200–300 किलो वजन से संतुलन बिगड़ जाता है
- एक ऑटो के पलटने से 10–15 वाहनों की चेन एक्सीडेंट हो सकती है
- पुणे जैसी भीड़भाड़ वाली सड़कों पर यह सड़क सुरक्षा के लिए विस्फोटक खतरा है
“अगर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई तो आने वाले दिनों में यह कई जानें ले सकता है।” – एक सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ
📦 Amazon सिस्टम और “चंद भाई नेटवर्क”
स्थानीय सूत्रों का दावा है कि यह पूरा नेटवर्क Amazon ट्रांसपोर्ट कॉन्ट्रैक्टर्स और स्थानीय दलालों के बीच की सेटिंग से चलता है। इसे “चंद भाई नेटवर्क” कहा जाता है, जहां कुछ चुनिंदा लोग ड्राइवरों को ऑटो उपलब्ध कराते हैं और पुलिस से बचाव का इंतजाम करते हैं।
इस मॉडल में –
- Amazon का वेयरहाउस पार्टनर कॉन्ट्रैक्टर तय करता है
- स्थानीय लोग ऑटो रिक्शा को किराए पर देते हैं
- ड्राइवरों को कैश पेमेंट मिलती है
- कोई भी लिखित एग्रीमेंट या वैधानिक एप्रूवल नहीं
यानी पूरा सिस्टम ब्लैक में और कानून से बचकर चलता है।
❌ सरकारी चुप्पी और राजनीतिक दबाव
सबसे बड़ा सवाल यही है कि परिवहन विभाग और पुलिस अब तक चुप क्यों हैं? नागरिकों का आरोप है कि यह राजनीतिक दबाव और बड़े रसूखदारों की शह पर हो रहा है।
“हमने कई बार शिकायत दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। लगता है अधिकारियों को मौन रहने का आदेश मिला है।” – एक स्थानीय नेता
यह सिस्टम की सीधी नाकामी है, जो जनता की सुरक्षा को दांव पर लगा रही है।
📢 नागरिकों की मांग और सोशल मीडिया रिएक्शन
इस खबर के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। ट्विटर (X) पर #AmazonSafetyNegligence ट्रेंड करने लगा।
- Amazon और उसके ट्रांसपोर्ट पार्टनर्स की तुरंत जांच
- पॅसेंजर ऑटो से मालवाहतूक पर पूर्ण प्रतिबंध
- दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई
- सड़क सुरक्षा के लिए नए नियम और कड़े दंड
स्थानीय लोगों ने यहां तक चेतावनी दी है कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
🔥 निष्कर्ष
पुणे का यह मामला सिर्फ़ ट्रैफिक का नहीं, बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा, कॉर्पोरेट जिम्मेदारी और सरकारी सिस्टम की विफलता का आईना है।
अगर समय रहते इस अवैध मालवाहतूक पर रोक नहीं लगी, तो मुंढवा Amazon वेयरहाउस किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है।
नागरिक अब यह सवाल पूछ रहे हैं – “क्या सरकार और विभाग किसी की जान जाने का इंतजार कर रहे हैं?”
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Author: TAZA PRIME KHABAR | Email: primekhabarofficial@gmail.com
Disclaimer: यह रिपोर्ट नागरिकों और स्थानीय सूत्रों की जानकारी पर आधारित है। आधिकारिक बयान और जांच के बाद तथ्य बदल सकते हैं।