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“सिर के ऊपर तलवार लटक रही है! ट्रंप के नए नियम से भारतीय टेक प्रोफेशनल्स के लिए खतरा बड़ा!”

Indian techie relocating to US amidst Trump’s H-1B visa $100k fee crackdown
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“सिर के ऊपर तलवार लटक रही है! ट्रंप के नए नियम से भारतीय टेक प्रोफेशनल्स के लिए खतरा बड़ा!”

Updated: अमेरिका में H-1B वीजा पर अचानक लगे $100,000 की फीस के बाद भारतीय टेक्सी की “San Francisco Relocation” पोस्ट वायरल हो गई है। जानिए इस फैसले के पीछे का कारण और इसका भारतीय IT उद्योग पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

परिप्रेक्ष्य: H-1B वीजा पर Trump का $100,000 शुल्क

19 सितंबर 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक विस्तृत आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत H-1B वीजा आवेदकों के लिए प्रति वर्ष $100,000 का शुल्क लगाया गया है। यह कदम अमेरिकी श्रमिक बाजार के लिए विदेशी कुशल कर्मचारियों के संभावित दुरुपयोग को रोकने का प्रयास बताया गया है।

ट्रंप प्रशासन का कहना है कि कंपनियों को यह तय करना होगा कि विदेशी कामगार के लिए यह भारी शुल्क देना उनके लिए फायदेमंद है या वे अमेरिकी श्रमिकों को नियुक्त करें।

Viral techie post on moving US after new H-1B visa regulations by Trump

यह नया नियम 21 सितंबर 2025 से लागू होगा और केवल नए H-1B आवेदनों पर लागू होगा। इस फैसले से भारतीय तकनीकी पेशेवरों और IT कंपनियों को बड़ा झटका लगा है क्योंकि भारत से लगभग 71% H-1B वीजा धारक आते हैं।

महत्त्वपूर्ण: कंपनियों को हर नए H-1B आवेदक के लिए $100,000 वार्षिक शुल्क देना होगा। इससे भारतीय IT सेवा प्रदाताओं और उनके कर्मचारियों को भारी नुकसान हो सकता है।

वायरल पोस्ट: भारतीय टेक्सी का अमेरिका रलोकेशन व अपडेट

एक भारतीय तकनीशियन ने सोशल मीडिया पर अपनी San Francisco में स्थानांतरण की खुशखबरी साझा की। उनके पोस्ट के कुछ घंटे बाद ट्रंप प्रशासन ने यह नई H-1B नीति लागू कर दी।

यह पोस्ट बहुत वायरल हो गई, क्योंकि कई भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए यह नया नियम सीधे तौर पर उनके अमेरिका जाने के सपने पर ग्रहण लगाता है।

H1B वीजा पर नए बदलावों का भारतीय IT उद्योग पर प्रभाव

टॉप H-1B वीजा प्राप्त करने वाली भारतीय कंपनियां प्रभाव का स्तर
Tata Consultancy Services (TCS) उच्च
Infosys उच्च
Cognizant मध्यम
Wipro मध्यम
Tech Mahindra कम

विशेषज्ञ विश्लेषण और भविष्यवाणियां

  • ट्रंप प्रशासन की यह नीति भारतीय आईटी उद्योग पर बड़े खर्च का बोझ डालती है।
  • कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इससे ‘आत्मनिर्भर भारत’ की मांग को बढ़ावा मिलेगा।
  • विपक्षी इसे अमेरिकी मजदूरी बाजार के संरक्षण के लिए एक कठोर कदम बता रहे हैं।
  • भारत में टैलेंट रिटर्न हो सकता है, जिससे देश के लिए नई तकनीकी क्रांति संभव है।
  • डब्ल्यूएचओ कैंपेन के समर्थन से अमेरिकी कंपनियां स्थानीय भर्ती बढ़ा सकती हैं।

Donald Trump announces $100,000 fee on H-1B visas affecting Indian IT workers

चुनौतियां

  • भारतीय IT फर्मों को अपनी ऑनशोर परियोजनाओं के लिए कर्मचारियों की कमी का सामना करना पड़ेगा।
  • अचानक लागू किए गए नियम से व्यवसाय योजना प्रभावित होगी।
  • विदेशी तकनीशियनों के लिए अमेरिका में करियर बाधित हो सकता है।
  • परिवार और शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव संभव है।

आने वाला वक्त – अक्टूबर 2025 और आगे

इस नीति का प्रभाव अक्टूबर 2025 से स्पष्ट रूप से देखने को मिलेगा। कंपनियों को वैकल्पिक रणनीति अपनानी होगी और भारत में रोजगार के अवसर बढ़ सकते हैं।

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मुख्य बातें – TAZA PRIME KHABAR

ट्रंप के $100,000 H-1B फीस कदम ने भारतीय टेक पेशेवरों और IT कंपनियों को चौंका दिया है। यह कदम दोनों देशों के रोजगार बाजार और आर्थिक रिश्तों पर दूरगामी प्रभाव डाल सकता है।

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लेखक: TAZA PRIME KHABAR Editorial Team

संपर्क: primekhabarofficial@gmail.com

वेबसाइट: https://tazaprimekhabar.com

डिस्क्लेमर

यह लेख ताज़ा खबर और विश्लेषण पर आधारित है। नीति और नियमों में बदलाव संभव है। कृपया आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।

 

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