US बाजार कमजोरी के बीच एशियाई शेयरों में तेजी, भारत को लगातार मिल रहे विदेशी निवेश के पॉजिटिव संकेत।
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US बाजार कमजोरी के बीच एशियाई शेयरों में तेजी, भारत को लगातार मिल रहे विदेशी निवेश के पॉजिटिव संकेत।
Updated: 08 सितंबर 2025 | भारतीय निवेशकों के लिए ताजा संकेत: ग्लोबल मार्केट के हालिया ट्रेंड्स में जहां अमेरिकी बाजारों में गिरावट दिख रही है, वहीं एशियाई शेयरों में जबरदस्त तेजी है। इस तेजी का फायदा भारत को भी मिल रहा है, खासतौर पर विदेशी निवेश के रूप में।
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मौजूदा बाजार संदर्भ – वैश्विक डेटा व ट्रेंड्स
सितंबर 2025 के पहले सप्ताह में अमेरिकी शेयर बाजार कमजोर बने हुए हैं। Dow Jones 220 पॉइंट्स गिरा, Nasdaq में हल्की गिरावट और S&P 500 भी 0.32% नीचे है। इसका प्रमुख कारण अमेरिकी जॉब्स डेटा में कमजोरी और फेड रिजर्व की नीतियों का अनिश्चित होना है।
वहीं एशिया में जापान Nikkei 1.8% ऊपर, कोरिया Kospi 0.38% ऊपर, और चीन Hang Seng Index 1.4% ऊपर गया है। भारत का Sensex हल्की गिरावट के बाद संभलकर 80,364 पर बंद हुआ, जबकि Nifty 24,741 पर। गिफ्ट निफ्टी और छोटे/midcap शेयरों में पॉजिटिव एनर्जी दिख रही है।
बाजार में वोलैटिलिटी इंडेक्स (VIX) भी कमजोर हुआ है, जिससे ट्रेडर्स को राहत मिली।
- US इंडेक्सेस में कमजोरी जारी
- एशियाई शेयरों में मजबूती
- भारत में FDI व विदेशी निवेश की ग्रोथ
- मिडकैप/स्मॉलकैप इंडेक्स outperform कर रहे
यह क्यों महत्वपूर्ण है?
भारत के लिहाज से यह दौर अंतरराष्ट्रीय फंड फ्लो और निवेशकों के भरोसे के लिए अहम है। कमजोर US बाजार के बीच एशियाई देशों में ग्रोथ और भारत में FDI बढ़ना आर्थिक विकास के अच्छे संकेत हैं। FDI inflows मई-जून 2025 में 13% बढ़े, US$9.2 बिलियन अकेले जून में आये।
सिंगापुर, अमेरिका, व UAE से सबसे ज्यादा FDI भारत आया है। भारत के विदेशी निवेश और व्यापार मीटिंग्स लगातार अच्छे संकेत दे रहे हैं।
एक्सपर्ट विश्लेषण व भविष्यवाणी
मार्केट एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
- निफ्टी व सेंसेक्स लंबे समय से 100/200 day EMA के ऊपर हैं, जिससे ट्रेडर्स को लॉन्ग टर्म मजबूती दिख रही है।
- मिडकैप व स्मॉलकैप में नया निवेश लगातार मिल रहा है – फंडामेंटल मजबूत स्टॉक्स पर फोकस।
- साउथ-ईस्ट एशिया की रिकवरी के चलते पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन भारत के पक्ष में है।
भविष्य के मुख्य परिदृश्य
- US मंदी से बचाव के लिए भारत, जापान व चीन आकर्षण केंद्र बने हैं।
- फेड रिजर्व के संभावित rate cut से एशिया में नए कैपिटल फ्लो की उम्मीद।
- इंफ्रास्ट्रक्चर, AI, और टेक सेक्टर में निवेश तेजी के साथ बढ़ेगा।
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जोखिम व चेतावनी (Balanced View)
जबकि एशियाई मार्केट्स में पॉजिटिव ट्रेंड है, US बाजार की कमजोरी से कोई भी अचानक ग्लोबल correction हो सकता है।
FDI के आंकड़ों में जून 2025 की नेट ग्रोथ तो दिखी, लेकिन outward FDI भी बढ़ा – भारत का कैपिटल फ्लो diversified है।
कुछ सेक्टर्स (FMCG, Pharma) में sluggishness कायम है। निवेशक short-term swings और policy changes को नजर में रखें।
टेक्निकल एनालिसिस में निफ्टी 24,950–25,000 पर resistance झेल रहा है और बैंकों में थोड़ी कमजोरी दिखी।
आगे का रुख (सितंबर-अक्टूबर 2025)
आगे आने वाले दिनों में फेड रिजर्व की rate policy, अमेरिकी data/earnings, और एशियाई GDP updates पर बाजार निर्भर करेगा।
भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल, और मैन्युफैक्चरिंग में तेजी आने की उम्मीद है।
विदेशी निवेश की दृष्टि से भारत remain positive zone में है, खासकर IT, Green Energy, और Auto segments में।
निवेशकों को सलाह: पोर्टफोलियो में डायवर्सिटी रखें, fundamental-driven equities चुनें, और हाइपर वोलैटिलिटी से सावधान रहें।
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निष्कर्ष
US मार्केट्स की गिरावट के बावजूद एशियाई शेयर बाजार और भारत में लगातार पॉजिटिव संकेत दिख रहे हैं। भारत के निवेशकों के लिए यह मौका है विदेशों के अच्छे सिग्नल का लाभ उठाने का।TAZA PRIME KHABAR के साथ हर ताज़ा आर्थिक खबर पाएं।